BA Semester-1 Aahar, Poshan evam Swachchhata - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2637
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

शिशु को दिए जाने वाले मुख्य अनुपूरक आहार

1. अनाज व दाल- छह माह के शिशु को बारीक दला हुआ दलिया, चावल व मूँग की दाल की खिचड़ी, साबूदाना, सूजी की खीर, बिना दाल व मिर्च का बना उपमा, दाल, कॉर्नफ्लैक्स, मुरमुरे, बिस्कुट आदि ऐसे अनेक पदार्थ दिए जा सकते हैं, जो थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खिलाने आरम्भ करने चाहिए। इनसे शिशु को पर्याप्त, ऊर्जा, विटामिन 'बी' तथा लौह तत्त्व की प्राप्ति होती है।

2. सन्तरे का रस – पहले माह से सन्तरे का रस देना आरम्भ करना चाहिए। ( सन्तरा उपलब्ध न होने पर टमाटर का रस देना चाहिए।)

3. ब्रैड - सातवें माह से शिशु को मक्खन या जैम के साथ ब्रेड या चपाती दे सकते हैं। अनुपूरक भोज्य पदार्थों को देने के साथ-साथ माता को यह भी प्रयास करना चाहिए कि शिशु स्तनपान या बोतल से दूध पीना छोड़कर पूर्णतः कप या गिलास से दूध लेने लगे। किसी एक पदार्थ को ही न देकर सातवें या आठवें माह में पकी गाढ़ी दाल, पके अनाज, पकी सब्जियाँ तथा दही मिलाकर शिशु को दी जा सकती है।

4. अण्डा - अण्डे के पीले भाग द्वारा विटामिन 'ए', 'डी' तथा लोहा प्राप्त होता है। अण्डे की जर्दी भी शिशु को दो-तीन मास से दूध में मिलाकर या कस्टर्ड बनाकर दी जानी चाहिए। 10 बजे दुग्धपान से पहले अण्डा दिया जा सकता है। जर्दी को मसलकर 1/8 चम्मच में शहद मिलाकर शिशु को दें। धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाकर पूरा भाग दे दें। एक वर्ष से कम के शिशु को अण्डे की का सफेद भाग न दें, क्योंकि इससे उसे प्राय: एलर्जी होती है।

5. फल व सब्जियाँ— दो माह का होने पर शिशु को सन्तरा, मुसम्मी, टमाटर आदि का रस दिया जा सकता है। फलों के रस में उपस्थित कार्बनिक अम्ल दूध से दही निर्माण को कम करते हैं। ये कैल्सियम के अभिशोषण में वृद्धि करते हैं, जिससे प्रोटीन के पाचन में सहायता मिलती है। तीसरे माह से शिशु को गाजर, बीन्स, पालक, पत्तागोभी आदि से बना छना हुआ मिश्रित सूप दिया जा सकता है। इससे विटामिन 'बी' कॉम्प्लैक्स की प्राप्ति होती है। आरम्भ में फलों को रस व सब्जी का सूप के रूप में ही दिया जाता है। लगभग 5 माह की आयु से सब्जियों को पकाकर, छलनी से छानकर, घुट्टी के रूप में देने से शिशु आसानी से इन्हें खा लेता है। टमाटर, गाजर, मटर, चुकन्दर, पालक, गोभी, लौकी आदि सब्जियाँ भी इसी प्रकार दी जा सकती हैं। सेब, खुमानी, अंजीर आदि को कुचलकर व छानकर (स्ट्यू करके) दिया जा सकता है। आम, केला, पपीता आदि भी उबालकर दिए जा सकते हैं। उबला आलू भी मसलकर दिया जा सकता है। आरम्भ में एक छोटी चम्मच दिया जाना चाहिए, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 60 ग्राम तक किया जा सकता है। छह माह के पश्चात् दिन में दो बार खिलाना उत्तम रहता है। इनसे विटामिन व खनिज लवणों की प्राप्ति होती है। विशेषकर विटामिन 'सी' के साथ रेशे वाले तत्त्व भी प्राप्त होते हैं, जिनसे प्रोटीन का पाचन और इंच को रोकने में सहायता मिलती है।

शिशुओं हेतु भोज्य पदार्थ - शिशुओं हेतु भोज्य पदार्थ के निर्माण की आधुनिक विधियाँ निम्नलिखित बातों पर आधारित हैं-

1. सोयाबीन + मूँगफली से अलग किया गया प्रोटीन।

2. मूँगफली से अलग किया गया प्रोटीन + मलाई निकले हुए दूध का पाउडर।

3. सोयाबीन।

स्तनपान छुड़ाने के बाद 2 वर्ष तक शिशु को दिया जाने वाला भोजन

 

प्रातः 6 बजे  -  सिकी हुई डबलरोटी, फलों का रस
प्रातः 9 बजे  -  मक्खनयुक्त टोस्ट, दलिया, दूध
दोपहर 12 बजे सब्जी, दही, रोटी, थोड़ी पतली
सायंकाल 4 बजे अण्डा, हलुआ, दूध या चाय आदि
सायंकाल 7 बजे सब्जी ( पतली ), थोड़ा दूध, फुलका

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    अनुक्रम

  1. आहार एवं पोषण की अवधारणा
  2. भोजन का अर्थ व परिभाषा
  3. पोषक तत्त्व
  4. पोषण
  5. कुपोषण के कारण
  6. कुपोषण के लक्षण
  7. उत्तम पोषण व कुपोषण के लक्षणों का तुलनात्मक अन्तर
  8. स्वास्थ्य
  9. सन्तुलित आहार- सामान्य परिचय
  10. सन्तुलित आहार के लिए प्रस्तावित दैनिक जरूरत
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. आहार नियोजन - सामान्य परिचय
  13. आहार नियोजन का उद्देश्य
  14. आहार नियोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  15. आहार नियोजन के विभिन्न चरण
  16. आहार नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक
  17. भोज्य समूह
  18. आधारीय भोज्य समूह
  19. पोषक तत्त्व - सामान्य परिचय
  20. आहार की अनुशंसित मात्रा
  21. कार्बोहाइड्रेट्स - सामान्य परिचय
  22. 'वसा’- सामान्य परिचय
  23. प्रोटीन : सामान्य परिचय
  24. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  25. खनिज तत्त्व
  26. प्रमुख तत्त्व
  27. कैल्शियम की न्यूनता से होने वाले रोग
  28. ट्रेस तत्त्व
  29. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  30. विटामिन्स का परिचय
  31. विटामिन्स के गुण
  32. विटामिन्स का वर्गीकरण एवं प्रकार
  33. जल में घुलनशील विटामिन्स
  34. वसा में घुलनशील विटामिन्स
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. जल (पानी )
  37. आहारीय रेशा
  38. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  39. 1000 दिन का पोषण की अवधारणा
  40. प्रसवपूर्व पोषण (0-280 दिन) गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त पोषक तत्त्वों की आवश्यकता और जोखिम कारक
  41. गर्भावस्था के दौरान जोखिम कारक
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  43. स्तनपान/फॉर्मूला फीडिंग (जन्म से 6 माह की आयु)
  44. स्तनपान से लाभ
  45. बोतल का दूध
  46. दुग्ध फॉर्मूला बनाने की विधि
  47. शैशवास्था में पौष्टिक आहार की आवश्यकता
  48. शिशु को दिए जाने वाले मुख्य अनुपूरक आहार
  49. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  50. 1. सिर दर्द
  51. 2. दमा
  52. 3. घेंघा रोग अवटुग्रंथि (थायरॉइड)
  53. 4. घुटनों का दर्द
  54. 5. रक्त चाप
  55. 6. मोटापा
  56. 7. जुकाम
  57. 8. परजीवी (पैरासीटिक) कृमि संक्रमण
  58. 9. निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन)
  59. 10. ज्वर (बुखार)
  60. 11. अल्सर
  61. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  62. मधुमेह (Diabetes)
  63. उच्च रक्त चाप (Hypertensoin)
  64. मोटापा (Obesity)
  65. कब्ज (Constipation)
  66. अतिसार ( Diarrhea)
  67. टाइफॉइड (Typhoid)
  68. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  69. राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएँ और उन्हें प्राप्त करना
  70. परिवार तथा विद्यालयों के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  71. स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  72. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रः प्रशासन एवं सेवाएँ
  73. सामुदायिक विकास खण्ड
  74. राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम
  75. स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
  76. प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर खाद्य
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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